गुरुवार, 4 दिसंबर 2008

आग में घर

एक समय था

मैने देखा

घर

घर के अन्दर चूल्हा

चूल्हे के अन्दर चूल्हा

चूल्हे के पेट में आग

आज

चूल्हा जर्जर है

आग में घर है।

मैं क्या करूं

मैने कहा/ बह रहा है

उसने समझा खून मैने

कहा उड़ रहा है

उसने समझा परिहास

मैने कहा दौड़ रहा है

उसने समझा शैतान

मैने कहा उठ रहा है

उसने समझा जनाजा।

बह पानी भी सकता है

उड़ रहा था पंछी

दौड़ता रहा समय निरंतर

या उठ सकता है स्तर

ऐसा उसने कुछ नहीं

समझा मैं क्या करूं।