मैने कहा/ बह रहा है
उसने समझा खून मैने
कहा उड़ रहा है
उसने समझा परिहास
मैने कहा दौड़ रहा है
उसने समझा शैतान
मैने कहा उठ रहा है
उसने समझा जनाजा।
बह पानी भी सकता है
उड़ रहा था पंछी
दौड़ता रहा समय निरंतर
या उठ सकता है स्तर
ऐसा उसने कुछ नहीं
समझा मैं क्या करूं।
शिल्प और काव्यकला : परस्पर संवाद
1 महीना पहले
4 टिप्पणियां:
आपका हार्दिक स्वागत है, इसी तरह लिखते रहें, शुभकामनायें… सिर्फ़ एक अर्ज है कि वर्ड वेरिफ़िकेशन हटा दें, ताकि आसानी से टिप्पणी की जा सके… धन्यवाद…
आपका हार्दिक स्वागत है!!!!!!
शुभकामनायें!!!!!
वर्ड वेरिफ़िकेशन हटा दें, ताकि आसानी से टिप्पणी की जा सके!!!!!
प्राइमरी का मास्टर
आपका लेख पढ़कर हम और अन्य ब्लॉगर्स बार-बार तारीफ़ करना चाहेंगे पर ये वर्ड वेरिफिकेशन (Word Verification) बीच में दीवार बन जाता है.
आप यदि इसे कृपा करके हटा दें, तो हमारे लिए आपकी तारीफ़ करना आसान हो जायेगा.
इसके लिए आप अपने ब्लॉग के डैशबोर्ड (dashboard) में जाएँ, फ़िर settings, फ़िर comments, फ़िर { Show word verification for comments? } नीचे से तीसरा प्रश्न है ,
उसमें 'yes' पर tick है, उसे आप 'no' कर दें और नीचे का लाल बटन 'save settings' क्लिक कर दें. बस काम हो गया.
आप भी न, एकदम्मे स्मार्ट हो.
और भी खेल-तमाशे सीखें सिर्फ़ 'ब्लॉग्स पण्डित' पर.
आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्लाग जगत में स्वागत है.....आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्त करेंगे .....हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।
एक टिप्पणी भेजें